सछ - झूट
एक अजीबसा एहसास दिलमे रहता है
नजाने क्यों तू कबी पास कबी दूर लगता है !
मुश्किल नहीं ये दिलको समजाना
मगर समजाना कुछ बेकार लगता है
क्योंकि तू कबी सछ और कबी झूट लगता है !!
नजाने क्यों तू कबी पास कबी दूर लगता है !
मुश्किल नहीं ये दिलको समजाना
मगर समजाना कुछ बेकार लगता है
क्योंकि तू कबी सछ और कबी झूट लगता है !!
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