न जाने ....
न जाने किस रास्ते से आकर ....
चांदनी तेरे आँखोंसे बरसते है!
न जाने किस खोने में छुपकर
सूरज के रोशनी तेरे होटोंपे खिलते है!!
न जाने क्यों ये दिल तेरे आवाज़ से धडकता है...
न जाने क्यों मेरी जान तेरे सांसोसे से चलता है!
सवाल तो चाहें सौ किसमका कर लेंगे... तुमे हम
न जाने जवाब किस सवाल का मिलजाता है!!
चांदनी तेरे आँखोंसे बरसते है!
न जाने किस खोने में छुपकर
सूरज के रोशनी तेरे होटोंपे खिलते है!!
न जाने क्यों ये दिल तेरे आवाज़ से धडकता है...
न जाने क्यों मेरी जान तेरे सांसोसे से चलता है!
सवाल तो चाहें सौ किसमका कर लेंगे... तुमे हम
न जाने जवाब किस सवाल का मिलजाता है!!
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