पागल नयना



नज़रोंसे इतना दूर

फिर दिलके इतना करीब कैसे रह्तेहो


हातोंमे तुम नहीं

फिर दिलको कैसे छु जातेहो


एक पलमे साथ पाती हू

एक पलमे खो देती हु


पागल नयना क्यों तुजे दूंडे

पलकोंमे जो तू बसा हुए हो

Comments

Popular posts from this blog

Friends are like memories

MUSINGS

A song very close to my heart.....